सायलेन्ट लव(पहला प्यार)
लव(पहला प्यार)....
हम भी अंजान थे,तुम भी अंजान थे,तेरी मेरी नजरों
का ए करिश्मा प्यार मैं बदल गया।ए पल बहुत सुहानी थी,बहेकी बहेकी हवा के झोके,हमने साथ बिताए लम्हे का पैगाम देता है,तेरा मेरा यु टकराना जिंदगी का हसीन सफर होगा,न मुझे पता था,न तो तुमे,
जिदंगी ने एसी शरारत कर दी,कि हम और तुम प्यार का जाम पीते गए पीते गए।
न तूमने कुछ कहा न हमने कुछ कहा,देखते देखते हम एकदुजे का प्यार बन गए।
ठंड की मौसम थी,प्यार का आलम था,होठ चुप थे मगर,दिल तेज धडकनोने
मन की बात बता दी।
तेरा मेरा साथ जन्मोजनम का है,ए वादा हमारी साँसोने जानबूझकर दे दिया।
बावरा मन उछल रहा था,
दिल तुम्हारा नाम गूनगुना रहा था,ए नखरेलाला सिलसिला देखते देखते प्यार मैं बदल गया,दिल की बात समजकर भी ना समज रहे,इस कदर बढती नजदिकियां प्यार में बदल गई,ए आहटभरी मुस्कान
आदत मैं बदल गई,ए मसला अब कंट्रोल बहार है,एकदुजे को जानने के बाद लगा,कि ए पागलपन
देखते देखते ही हो गया,यादो का भवंडर बनकर सामने आप आते हो,तब रंगीन लगता है,
पहली मुलाकात जिदंगी का टाईम टेबल बन गई,
"सायलेन्ट लव"बन गई वो पता नहीं चला।आपकी तारिफ मैं हम क्या लिखे
आप देखते देखते हमारी जिदंगी का किंमती तोफा
बन गए,
हमारी पहली मुलाकात ने हमको एकदुजे मैं घुलमिल दिया,
तुम भी अंजान थे,हम भी अंजान थे।
शैमी ओझा "लफ्ज़"
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