गीत:खुद को रोक न पाये....

      
         गीत:खुद को रोक न पाये(लिरिक्स:ए दिल गलती कर बेठा है,

हम हमनवाजी है,हम तपस्वीनी है,खुद को भक्ति लीन रखा करते थे,तुमे यु देखते ही खुद को केसे बदल दिया,ए समज न पाये हम,तेरे ही ख्यालो मैं केसे खुद को हम भुल बेठे,तुमे देखकर क्यों खुद को न रोक पाये हम...

तेरे लफ्जों हमे इश्क जाम पिलाया,तेरी शरारते यु  देखकर हम फिसल से गये,न होश था,जो दिल मे ताकत थी,जो तेरी कातिल नजर ने छीन ली,खुद को न रोक पाये हम...

एक घाव से न उभरे थे
ए नादानीयत भी क्यो फिरसे कर बेठे तेरे गालो के  डिम्पल ने,तेरे नेना की पलकों ने हमको बावरा किया,खुद को चाहकर भी न रोक पाये हम...

बातो ही बातो मैं,तेरे तरफ
हम फिसलने लगे,बहुत संभाला खुद को मगर क्यों न खुद को रोक न पाये हम।

ए गलती बारबार क्यु हो गई,ए समज न पाये हम,
तेरी बातो को सोचते सोचते राते गुजर गई,तेरे बीन चाहकर भी अब जी न पाये हम...यादो के समंदर मै तैर न पाये,गलती पे गलती कर के खुद को कोशते रहे,ए राह है रंगीन पर खुद को न रोक पाये हम।

शैमी ओझा "लफ्ज़"

Comments

  1. लफ्ज़ के एक एक लफ्ज़ तारिफ के हकदार।
    बहुत ही अच्छे। 💐💐

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    1. આભારજી આપ શેર કર શકતે હૈ અચ્છા લગે તો જી....

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  2. ખુબ જ સરસ પરવુતી

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